डेरिवेटिव्स ट्रेडिंग, जैसे फ्यूचर्स और ऑप्शंस, भारतीय शेयर बाजार में उन्नत निवेशकों के लिए लोकप्रिय है। फ्यूचर्स अनुबंध भविष्य में किसी स्टॉक या इंडेक्स को तय कीमत पर खरीदने या बेचने का समझौता है, जबकि ऑप्शंस खरीदने या बेचने का अधिकार प्रदान करते हैं। ये उपकरण जोखिम हेजिंग और सट्टा दोनों के लिए उपयोगी हैं। डेरिवेटिव्स ट्रेडिंग में उच्च जोखिम होता है, क्योंकि लीवरेज के कारण नुकसान बढ़ सकता है। टेक्निकल एनालिसिस और बाजार रुझानों का गहन अध्ययन जरूरी है। ऑप्शंस में कॉल और पुट स्ट्रैटेजी को समझें और ग्रीक्स (डेल्टा, थीटा, वेगा) का उपयोग करें। डेरिवेटिव्स ट्रेडिंग के लिए NSE (नेशनल स्टॉक एक्सचेंज) जैसे प्लेटफॉर्म का उपयोग करें। छोटी पूंजी से शुरुआत करें और स्टॉप-लॉस का उपयोग करें। डेरिवेटिव्स में निवेश से पहले प्रशिक्षण लें और डेमो खातों पर अभ्यास करें। फोरम में अनुभवी ट्रेडर्स से रणनीतियाँ सीखें और बाजार की अस्थिरता को ध्यान में रखें।
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15/07/2025 11:40 am